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पहुत दिन से पुछ होता भी नहीं है।
पहुत दिन से पुछ होता भी नहीं है।
हज़बिन को जबी बोलू काम से बाहर।
काम से बाहर।
हमना भी ख़ली उनका काम से ही मतलब है मुझसे।
पहुत दिन से पुछ होता भी नहीं है।
पहुत दिन से पुछ होता भी नहीं है।
हज़बिन को जबी बोलू काम से बाहर।
काम से बाहर।
हमना भी ख़ली उनका काम से ही मतलब है मुझसे।